अगर आप अपने पैसे को सुरक्षित रखते हुए अच्छा रिटर्न कमाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड्स आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। सीधे शेयर बाजार में निवेश करने की तुलना में म्यूचुअल फंड्स में जोखिम कम होता है और कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है, जिससे आपके निवेश का मूल्य तेजी से बढ़ सकता है।
म्यूचुअल फंड्स में निवेश करने पर लॉन्ग टर्म में औसतन 12% रिटर्न मिल सकता है, जो दूसरी पारंपरिक निवेश योजनाओं से अधिक होता है। हालांकि, यह पूरी तरह से बाजार पर निर्भर करता है, लेकिन सही स्कीम चुनने पर यह एक स्थिर और लाभकारी विकल्प बन सकता है।
इसके अलावा, अगर आप टैक्स बचाने का भी प्लान कर रहे हैं, तो इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) आपके लिए सही है।
जानिए ELSS के बारे में
ईएलएसएस (Equity Linked Saving Scheme) म्यूचुअल फंड का एक खास प्रकार है, जिसमें 80% से अधिक पैसा शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। इस फंड का पैसा अलग-अलग सेक्टर्स की कंपनियों में लगाया जाता है, जिससे जोखिम कम हो जाता है। आप इसमें सिर्फ 500 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं, और अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। ईएलएसएस न केवल बेहतर रिटर्न देने की क्षमता रखता है, बल्कि यह धन-संचय (वेल्थ क्रिएशन) में भी मददगार होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय तक इसमें निवेश करना अधिक लाभकारी हो सकता है।
जानिए तीन साल का लॉक-इन पीरियड के बारे में
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में निवेश करने पर आपको सिर्फ तीन साल का लॉक-इन पीरियड मिलता है, जो अन्य टैक्स सेविंग स्कीम्स जैसे एनएससी या टैक्स सेविंग एफडी से कम है, जिनका लॉक-इन पांच साल का होता है। यह लचीला विकल्प उन निवेशकों के लिए आकर्षक है जो अपने पैसे को जल्दी निकालने का विकल्प चाहते हैं। आप इसमें एकमुश्त राशि या SIP (Systematic Investment Plan) के जरिए निवेश कर सकते हैं। तीन साल के लॉक-इन पीरियड के बाद आप अपने निवेश को जारी रख सकते हैं या जरूरत पड़ने पर इसे निकाल सकते हैं।
क्या टेक्स्ट बेनिफिट मिलेंगे लॉक-इन पीरियड के बाद जानिए
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में तीन साल के लॉक-इन पीरियड के बाद अगर आप अपने पैसे निकालते हैं, तो आपको कई तरह के टैक्स बेनिफिट्स मिलते हैं। सबसे पहले, आपको आयकर के सेक्शन 80C के तहत 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है, लेकिन यह सुविधा केवल पुरानी टैक्स व्यवस्था में ही उपलब्ध है। इसके अलावा, ELSS पर मिलने वाले रिटर्न पर भी कैपिटल गेन टैक्स लगता है। अगर आपने एक लाख रुपये तक का रिटर्न कमाया है, तो उस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इससे ज्यादा के रिटर्न पर 10% का लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा, साथ ही सेस और सरचार्ज भी देना होगा।