नए साल की शुरुआत में हम सभी भविष्य की प्लानिंग करते हैं, जिसमें घर खरीदने से लेकर घूमने-फिरने तक कई चीजें शामिल होती हैं। लेकिन अगर आप इस बार निवेश की सोच रहे हैं, तो Fixed Deposit (एफडी) एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आमतौर पर लोग अपनी पत्नी के नाम पर एफडी कराते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि यदि आप अपनी मां के नाम से एफडी कराते हैं तो आपको अधिक फायदे मिल सकते हैं?
मां के नाम पर एफडी कराने से आपको न सिर्फ अच्छा ब्याज मिलेगा, बल्कि टैक्स में भी छूट मिल सकती है, क्योंकि कई बार माता-पिता वरिष्ठ नागरिक (सीनियर सिटीजन) होते हैं, जिन पर बेहतर ब्याज दर लागू होती है। साथ ही, यह कदम आपकी मां की आर्थिक सुरक्षा को भी मजबूत बनाता है।
क्या मां के नाम से Fixed Deposit कराने पर मिल सकता है ज्यादा ब्याज जानिए
अगर आप Fixed Deposit (एफडी) कराने की सोच रहे हैं, तो इसे अपनी मां के नाम से कराना एक समझदारी भरा फैसला हो सकता है। ज्यादातर लोग अपनी पत्नी के नाम से एफडी कराते हैं ताकि टैक्स में छूट मिल सके, लेकिन ब्याज दर के मामले में ऐसा कोई खास फायदा नहीं होता।
दूसरी ओर, यदि आपकी मां की उम्र 60 वर्ष या उससे अधिक है, तो वरिष्ठ नागरिकों के लिए बैंक 0.50% अधिक ब्याज देते हैं। वहीं, अगर उनकी उम्र 80 वर्ष से ज्यादा है, तो ब्याज दर 0.75% से 0.80% तक बढ़ जाती है। यह न केवल आपके निवेश को बेहतर रिटर्न देता है, बल्कि आपके माता-पिता की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
क्या मिलती है TDS में लिमिट छूट जानिए
Fixed Deposit से होने वाली आय पर टैक्स डिडक्शन यानी TDS (स्रोत पर कर कटौती) लागू होता है। नियमों के अनुसार, यदि एफडी से मिलने वाला ब्याज एक वित्त वर्ष में 40,000 रुपये से अधिक होता है, तो 10% टीडीएस काटा जाता है।
लेकिन अगर आप अपनी मां के नाम से एफडी कराते हैं और वह वरिष्ठ नागरिक हैं, तो यह सीमा 50,000 रुपये तक बढ़ जाती है। इसका मतलब है कि आप ज्यादा ब्याज अर्जित कर सकते हैं और कम टीडीएस भरना होगा। साथ ही, मां के नाम से एफडी कराने पर आपको टैक्स में अतिरिक्त छूट का लाभ भी मिल सकता है।
क्या मां के नाम से FD कराने पर टैक्स देनदारी होगी कम जानिए
Fixed Deposit से होने वाली आय आपकी कुल आय में जुड़कर टैक्स बढ़ा सकती है। ऐसे में अगर आप अपनी मां के नाम से एफडी कराते हैं, तो न केवल ज्यादा ब्याज मिलेगा, बल्कि टैक्स में भी बचत होगी। साधारण परिवारों में अक्सर महिलाएं लोअर टैक्स ब्रैकेट में आती हैं या कई बार हाउसवाइफ होती हैं, जिनकी कोई आय नहीं होती। इस स्थिति में उनकी आय पर कोई टैक्स देनदारी नहीं होती। ऐसे में मां के नाम से एफडी कराने से आपको अतिरिक्त टैक्स बचाने का लाभ मिलेगा।